Wednesday, April 24, 2019

सुप्रीम कोर्ट पर संकट के इतने गहरे बादल पहले कभी नहीं छाए

सुप्रीम कोर्ट एक बार फ़िर चर्चा का विषय बना हुआ है लेकिन इस बार सहकर्मी के यौन उत्पीड़न का आरोप जुड़ जाने से मामला ज़्यादा गंभीर और जटिल हो गया है.

शिकायत करने वाली महिला ने सुप्रीम कोर्ट के 22 जजों को लिखी अपनी शिकायत में कहा था कि उनका यौन उत्पीड़न किया गया, एतराज़ करने पर उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया.

महिला का कहना है कि वह चीफ़ जस्टिस गोगोई के घर में बने दफ़्तर में काम करती थीं और ये घटना भी वहीं हुई. उन्होंने कहा है कि उनके परिवार को भी निशाना बनाया गया.

चीफ़ जस्टिस गोगोई ने इन आरोपों का खंडन किया है.

अपनी सफ़ाई में क्या बोले चीफ़ जस्टिस?
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा है कि उन पर आरोप लगाकर न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर हमला किया जा रहा है और इसके पीछे एक बड़ी ताकत काम कर रही है.

उन्होंने कहा है कि ये लोग मुख्य न्यायाधीश के कार्यालय को ही निष्क्रिय करना चाहते थे क्योंकि वह कुछ संवेदनशील मामलों की सुनवाई कर रहे थे.

मुख्य न्यायाधीश ने कहा है कि उन्हें दुख इस बात का है कि 20 साल न्यायपालिका में काम करने के बाद भी उनके बैंक अकाउंट में सिर्फ 6,80,000 रुपये हैं और उनके पीएफ़ खाते में 40 लाख रुपये हैं, ऐसे में जब वे लोग किसी और तरह से उन पर शिकंजा नहीं कस सके तो उन्होंने यौन उत्पीड़न जैसे किसी आरोप की तलाश की.

शुरुआत में उन्होंने इस मामले की सुनवाई के लिए तीन जजों की एक बैंच का गठन किया. अचरज की बात ये है कि इस बैंच की अध्यक्षता भी उन्होंने खुद ही की.

यह एक स्थापित न्यायिक प्रक्रिया है कि जब किसी जज के ख़िलाफ़ किसी आरोप की सुनवाई की जा रही हो तो वह जज उस मामले का न्याय करने के लिए नहीं बैठता है.

इस अजीबोगरीब बैंच में चीफ़ जस्टिस गोगोई 18 मिनट तक अपना बचाव करते रहे और उसके बाद उन्होंने कहा कि फ़ैसला देने का अधिकार जस्टिस अरुण मिश्रा और संजीव खन्ना के पास है.

अभूतपूर्व कदम उठाया जस्टिस गोगोई ने
बार एसोसिएशन और वकीलों के संगठन ने साफ़ शब्दों में कहा है कि चीफ़ जस्टिस को इस मामले को जैसे संभालना चाहिए था, उन्होंने वैसे नहीं संभाला है.

दूसरी ओर, जस्टिस गोगोई ने एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए तीन जजों का एक पैनल बना दिया है जिसकी अगुआई दूसरे सबसे सीनियर जज एस.ए. बोबडे कर रहे हैं, इस पैनल में जस्टिस रामन्ना और जस्टिस इंदिरा बैनर्जी हैं. यह पैनल यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच करेगा.

अच्छा तो यही होता कि इतनी आलोचना और संदेह पैदा होने से पहले वे यह पैनल बना देते.

यह पैनल कितनी निष्पक्षता से नियमों के मुताबिक काम करता है उस पर न्यायपालिका की साख बहुत हद तक टिकी हुई है.

चीफ़ जस्टिस गोगोई ने अपने बचाव में कहा है कि शिकायत करने वाली महिला की पृष्ठभूमि आपराधिक है और उनके ख़िलाफ़ दो एफ़आईआर भी दर्ज हैं.

चीफ़ जस्टिस गोगोई ने कहा कि इस महिला ने उनके ऑफ़िस में डेढ़ महीने तक काम किया.

बीते साल अक्तूबर की 11 और 12 तारीख़ को उनके निजी सचिव ने शिकायतकर्ता की ओर से किए अनुचित व्यवहार की एक शिकायत रजिस्ट्री विभाग को भेजी थी. इसके बाद उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया.

इसके बाद उनके पति ने फ़ोन करके सीजीआई से मदद मांगने की कोशिश की ताकि उन्हें नौकरी में वापस ले लिया जाए.

ये बात दिल्ली पुलिस को बताई गई जिसके बाद सभंवत: उनका निलंबन हुआ.

गोगोई ने कहा है कि जब उन्होंने काम करना शुरू किया था तो उनके ख़िलाफ़ आईपीसी की धारा 324 (जानबूझकर ख़तरनाक हथियारों से किसी को नुकसान पहुंचाना) और धारा 506 (आपराधिक धमकी) के तहत एफ़आईआर दर्ज थी.

इसके बाद दूसरी एफ़आईआर इस साल की शुरुआत में दर्ज की गई.

इस मामले में उनके ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में नौकरी दिलाने के लिए सौदा करने का आरोप है. इस मामले में उन्होंने कथित तौर पर पचास हज़ार रुपये लिए. वहीं, दूसरे पक्ष का दावा है कि शिकायत करने वाली महिला ने दस लाख रुपये लिए.

गोगोई ने बताया कि वह इस मामले में चार दिनों तक कस्टडी में भी रही. हालांकि, महिला ने कहा है कि उनके ख़िलाफ़ रिश्वत लेने का झूठा आरोप लगाया गया है.

कोर्ट ने दिया आदेश
कुल 23 मिनट तक चली इस सुनवाई में बेंच ने एक आदेश पारित किया कि मीडिया इस मामले में अपनी कवरेज़ को संयमित रखे.

इस ऑर्डर में कहा गया, "हम अब इस मामले में संयम बरतने का फ़ैसला मीडिया पर छोड़ते हैं. ज़िम्मेदारी से काम किया जाए जिसकी उनसे अपेक्षा की जाती है. इसी आधार पर तय किया जाए कि क्या छापा जाना है और क्या नहीं छापा जाना है. क्योंकि विवाद पैदा करने वाले आरोप न्यायपालिका की स्वतंत्रता का हनन करते हैं और उसकी नुकसान पहुंचाते जिसकी भरपाई नहीं हो सकती है इसलिए, हम इस मौके पर मीडिया पर ये फ़ैसला छोड़ते हैं कि वह इस तरह की अवांछित सामग्री को हटा लें."

इस मामले में तथ्य जो भी हों लेकिन सीजीआई के ख़िलाफ़ आरोपों की सुनवाई करने वाली बैंच में उनकी मौजूदगी अजीब लगी.

सुप्रीम कोर्ट के ऑन रिकॉर्ड वकीलों के एसोसिएशन ने कहा है कि इस मामले में कानून के मुताबिक़ कार्यवाही होनी चाहिए थी लेकिन सीजीआई ने इस पूरे मामले में जो भूमिका निभाई है उसे लेकर गंभीर एतराज़ हैं. इस मामले की खुली अदालत में सुनवाई होनी चाहिए.

Thursday, April 18, 2019

巴黎圣母院大火:马克龙称将筹款重建大教堂

当地时间周一(15日),法国著名地标性建筑巴黎圣母院被一场大火吞噬。

法国官员表示,巴黎圣母院尖塔及屋顶已经倒塌,但包括两座钟楼在内的主建筑保留下来。

当地消防人员仍在努力控制火势,另有多组人员尽力抢救建筑内部储藏的艺术作品。

目前仍不清楚起火原因。有官员称,火灾可能与正在进行的教堂修复工程有关。此前由于巴黎圣母院石质材料出现裂痕引发对建筑不稳定的担忧,开始对这座历史悠久的天主教哥特式教堂进行修复。

巴黎检察署称,目前调查的方向是意外事故。有一名消防员在灭火过程中重伤。

由于大火,马克龙取消了原计划就数月来的街头示威进行电视讲话的计划,前往教堂。他称,不管到没到过巴黎圣母院,这都是“属于所有法国人”的建筑。

他同时还赞扬了消防员们“极大的勇气”与“专业精神”,表示“我们将一起重建巴黎圣母院”。马克龙还表示,“最可怕的后果得到避免”,承诺将发起一项国际筹款计划,帮助教堂重建。

一些个人和团体为修复巴黎圣母院发起募捐,目前承诺的捐赠额已高达数亿欧元。

拥有古驰和圣罗兰品牌的开云集团(Kering)主席亨利·皮诺(Henri Pinault)宣布捐赠1亿欧元,路易威登董事长和CEO贝尔纳·阿尔诺(Bernard Arnault)承诺捐赠2亿欧元。

巴黎圣母院耸立在塞纳河的西堤岛上,拥有850年历史,始建于1163年,并在1345年完工。

圣母院建筑总高度约超过130米,是欧洲历史上第一座全哥特式教堂,具有划时代的意义,也是巴黎最具代表性的古迹。

由于年代久远急需维修,除了法国政府的资助,巴黎圣母院本还希望得到外援,并在去年向社会开展募捐。

圣母院公共关系处负责人此前表示,目前翻修所用经费不足,若要保证两年的维修,至少需要1亿欧元 。

当地时间周一18时30分,教堂开始起火,之后火势迅速蔓延到屋顶,摧毁了屋顶的彩色玻璃窗及木质装饰,随后尖塔也在大火中倒下。

共有约500名消防员参与灭后,防止教堂钟楼倒塌。在超过4个小时的努力后,负责消防事务的加莱(Jean-Claude Gallet)称教堂主结构已得到“挽救”,没有遭受彻底破坏。

火灾发生前教堂已在进行大规模整修,部分建筑被脚手架包围。就在上周,教堂刚刚移除了16座铜像。

巴黎副市长格雷瓜尔(Emmanuel Gregoire)称,巴黎圣母院遭受了“巨大损失”,目前多方正努力抢救教堂内的艺术品。

法国历史学家帕斯卡(Camille Pascal)向当地媒体BFMTV表示,这座“宝贵的遗产”已被摧毁。“几个世纪以来,不论是快乐的事情还是不幸的事件,巴黎圣母院的钟声都是它们的标志,”他说。

在法国,没有另外一座地标像巴黎圣母院这样代表法国。与它一起竞争作为国家象征的埃菲尔铁塔历史刚刚超过一个世纪,而巴黎圣母院从13世纪起已经屹立在法国。

与此同时,这座教堂还因雨果(Victor Hugo)的文学巨著《巴黎圣母院》(又译《钟楼怪人》、《钟楼驼侠》)而闻名。

这座教堂上一次遭受大规模破坏要追溯到法国大革命时期。在两次世界大战中它也幸免于难。

看着这样一个象征着这个国家持久永恒的标志熊熊燃烧,任何一个法国人都会感到十分震惊。

“巴黎仍不可替代”
起火后,成千上万的游客与民众聚集在教堂附近,在沉默中注视着大火将教堂慢慢吞噬。大家用不同的方式表达自己的震惊,有人潸然泪下,也有人唱赞诗、祈祷。

巴黎多个教堂敲响了自己的钟声,用这种天主教徒在圣周(Holy Week)的传统表达对火灾的慰问。

作为法国的象征之一,巴黎圣母院每年接待超过1000万,也是两岸三地游客最喜爱的景点之一。有在现场的中国游客在中国社交媒体微博上表示,看到教堂失火十分“痛心”。

北京游客林小姐原计划5月初前往巴黎游玩,巴黎圣母院也在她行程之中,她提前三个月预定了距离教堂仅数百米的酒店。在看到失火消息后,她十分遗憾,但表示仍将前往教堂看一看。

“虽然一部分烧毁了,可它还是法国甚至欧洲文明的一个缩影, ”她说。“除了圣母院,巴黎还有很多古老的建筑和博物馆,在我心中它仍是一座不可替代的城市。”