Friday, January 18, 2019

अमूल ने गूगल को भेजा कानूनी नोटिस, कहा-फर्जी ऐड के जरिए चल रहा कमाई का खेल

देश की सबसे बड़ी कोऑपरेटिव डेयरी अमूल ने फर्जी विज्ञापन के मामले में गूगल को कानूनी नोटिस भेजा. गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (GCMMF) ने आरोप लगाया है कि गूगल ने अमूल के नाम पर फर्जी विज्ञापन से कमाई की. इसमें कई फर्जी वेबसाइट अमूल पार्लर और डिस्ट्रीब्यूटर्स के बारे में फर्जी बिजनेस टू बिजनेस कैंपेन चलाते हुए लोगों को लूट रही थी. अमूल ने आरोप लगाया है इन विज्ञापनों के जरिए गूगल ने काफी मुनाफा कमाया. 

10 जनवरी को गूगल इंडिया को भेजे नोटिस में अमूल की तरफ से कहा गया है कि गूगल सर्च इंजन पर सितंबर 2018 से कई जालसाज गूगल पर पेड ऐड चला रहे थे. इन लोगों और संगठनों ने देश भर में फर्जीवाड़े के जरिए अमूल के साथ व्यापार के मौके के नाम पर कई भारतीयों को ठगा और उनकी गाढ़ी कमाई लूटी. इन जालसाजों द्वारा इस फर्जीवाड़े में अमूल पार्लर, अमूल डिस्ट्रीब्यूटर और अमूल फ्रेंचाइजी जैसे कई कीवर्ड का इस्तेमाल किया जा रहा है.

अमूल का कहना है कि इन कीवर्ड को गूगल सर्च में डालने पर कई फर्जी लिंक आ जाते हैं. जिस पर क्लिक करने पर लोगों से एक फॉर्म भरवाया जाता है. जिसके बाद इनके पास एक कॉल आता है और उन्हें रजिस्ट्रेशन फीस के नाम 25000 रुपये से 5 लाख रुपये तक मांगे जाते हैं. एक बार पैसा जमा होने के बाद इन लोगों के साथ किसी भी तरह का संपर्क और संचार बंद हो जाता है.

अमूल ने यह मामला गूगल इंडिया के समक्ष उठाते इस तरह के फर्जी विज्ञापनों को बंद करने की मांग करने के साथ कहा है कि नामी कंपनियों से संबंधित विज्ञापनों से पहले इन्हें देने वालों की गंभीरता से जांच की जानी चाहिए. अमूल ने इस संबंध में कॉपीराइट से जुड़े सभी कानूनी दस्तावेज और विभिन्न उत्पादों के नाम गूगल को जमा कराए हैं. यह सब गूगल इंडिया टीम के दिशा-निर्देश में हुआ ताकि भविष्य में जालसालों को अमूल कीवर्ड पर आधारित गूगल सर्च ऐड का गलत इस्तेमाल न हो.

इस जालसाजी को लेकर लोगों को जागरुक करने के लिए अमूल ने गूगल सर्च पर एक अभियान भी चलाया है ताकि उपभोक्ताओं को इस तरह के फर्जी कैंपेन से आगाह किया जा सके और इस अभियान को समर्पित एक वेबपेज भी बनाया है.

कंपनी के महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और हरियाणा में 29 लाख लीटर प्रतिदिन की कुल दूध प्रोसेसिंग क्षमता के प्लांट हैं. समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, पराग मिल्क ने पिछले वित्त वर्ष में कुल 1,950 करोड़ रुपये का कारोबार किया है. कंपनी 'गोवर्धन', 'गो' और 'प्राइड ऑफ काउज' सहित विभिन्न ब्रांडों के तहत दूध और अन्य डेयरी उत्पाद बेचती है. पिछले साल अप्रैल में, पराग मिल्क ने उत्तर और पूर्वोत्तर भारत में अपने कारोबार का विस्तार करने के लिए सोनीपत स्थ‍ित दनोन के प्लांट को खरीदा था. अगस्त में, कंपनी ने इस प्लांट से कॉमर्श‍ियल कामकाज शुरू किया तथा दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में पाउच में गाय का दूध बेचना शुरू किया.

पराग मिल्क फूड्स के अध्यक्ष देवेंद्र शाह ने दिल्ली में पत्रकारों को बताया, 'हम अब दिल्ली-एनसीआर के बाजार में अपने प्रीमियम दूध ब्रांड 'प्राइड ऑफ कॉउज' को पेश कर रहे हैं. हम इस गाय के दूध को 120 रुपये प्रति लीटर के दाम पर बेचेंगे. शुरुआत में, हम प्रति दिन 10,000 लीटर और अगले छह महीनों में बढ़ाकर प्रति दिन 20,000 लीटर दूध की आपूर्ति करेंगे.' उन्होंने कहा कि कंपनी पहले से ही इस प्रीमियम गाय दूध का हर दिन औसतन 34,000 लीटर सीधे तौर पर मुंबई, पुणे और सूरत में ग्राहकों को बेच रही है. गाय के प्रीमियम दूध की कीमत मुंबई और पुणे के बाजारों से अधिक है, जहां यह 95 रुपये प्रति लीटर के दाम पर बिक में रहा है.

शाह ने कहा, 'प्राइड ऑफ कॉउज' ब्रांड से कंपनी का राजस्व वित्त वर्ष 2013-18 में 28 प्रतिशत की वार्षिक विकास दर से बढ़ा है और यह इसी गति से आगे भी बढ़ता रहेगा. एनसीआर देश का सबसे बड़ा दूध बाजार है जो कि करीब 11,000 करोड़ रुपये का है. कंपनी की सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अक्षाली शाह ने कहा, 'जैसे-जैसे ताजे दूध की प्रत्यक्ष खपत में वृद्धि हुई है, उपभोक्ता अपने उपभोग वाले दूध के स्रोत और पोषक तत्वों की मात्रा के प्रति सावधान हो गए हैं, जिसके कारण वे प्रीमियम गुणवत्ता वाले दूध के लिए अधिक निवेश करते है. दिल्ली-एनसीआर में ऐसे उपभोक्ताओं की बहुतायत होने के साथ, हमने इस क्षेत्र में विस्तार की बड़ी संभावना को देखा है.' 

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