दो दिन की स्थिरता के बाद एक बार फिर पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ गए हैं. तेल कंपनियों ने देश की राजधानी दिल्ली में पेट्रोल के दाम में 38 पैसे और डीजल के दाम में 29 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की है. इसके साथ दिल्ली में पेट्रोल 68.88 रुपये लीटर हो गया है और डीजल का भी दाम बढ़कर 62.53 रुपये प्रति लीटर हो गया है.
कोलकाता में पेट्रोल के दाम में 37 पैसे और डीजल में 29 पैसे की वृद्धि की गई है. मुंबई में पेट्रोल 37 पैसे और चेन्नई में 40 पैसे लीटर महंगा हो गया है. डीजल के दाम में मुंबई और चेन्नई में 31 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि हुई है. इस सप्ताह दूसरी बार पेट्रोल और डीजल के दाम में बढ़ोतरी हुई. इससे पहले तेल कंपनियों ने सोमवार को कीमतें बढ़ाई थीं.
इंडियन ऑयल की वेबसाइट के अनुसार, गुरुवार को दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल की कीमतें बढ़कर क्रमश: 68.88 रुपये, 71.01 रुपये, 74.53 रुपये और 71.47 रुपये प्रति लीटर हो गई हैं. चारों महानगरों में डीजल के दाम बढ़कर क्रमश: 62.53 रुपये, 64.30 रुपये, 65.43 रुपये और 66.01 रुपये प्रति लीटर हो गए हैं. बता दें कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों के निर्धारण के लिए 16 जून 2017 को डायनामिक प्राइसिंग मेकनिज्म लागू हुई. तभी से अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में होने वाले परिवर्तन के अनुसार रोजाना पेट्रोल और डीजल के दाम में बदलाव होता है.
नए साल में अंतर्राष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड अब तक 11 फीसदी से ज्यादा महंगा हो चुका है. पिछले महीने जहां ब्रेंट क्रूड का भाव 26 दिसंबर को 50 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गया था, वहीं अब 60 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गया है. इस तरह पिछले एक पखवाड़े से कम समय में कच्चे तेल के दाम में करीब 10 डॉलर की तेजी आ गई है. एंजेल कमोडिटी के डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट अनुज गुप्ता के मुताबिक , अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में उतार-चढ़ाव का असर भारत में पेट्रोल और डीजल के दाम पर करीब 10 दिन बाद ही दिखता है. इस तरह, कच्चे तेल की हालिया तेजी से पेट्रोल और डीजल के दाम में अभी और बढ़ोतरी हो सकती है.
वित्त मंत्री अरुण जेटली की अगुवाई में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) काउंसिल की 32वीं बैठक समाप्त हो चुकी है. बैठक में छोटे कारोबारियों को राहत देने पर सहमति बनी है.कंपोजिशन स्कीम की सीमा 1 करोड़ से बढ़ाकर 1.5 करोड़ कर दी गई है. आसान भाषा में समझें तो अब डेढ़ करोड़ रुपये के टर्नओवर वाले निर्माता को इस स्कीम का फायदा मिलेगा. नया नियम इस साल 1 अप्रैल से लागू होगा.
जीएसटी काउंसिल ने इसके अलावा जीएसटी के दायरे को बढ़ा दिया है. अभी 20 लाख रुपये तक टर्नओवर करने वाले कारोबारी जीएसटी के दायरे में आते थे लेकिन अब 40 लाख टर्नओवर वाले जीएसटी के दायरे में आएंगे. छोटे राज्यों में जो लिमिट 10 लाख थी वो लिमिट 20 लाख रुपये कर दी गई है. इस तरह कई छोटे कारोबारी जीएसटी के दायरे से बाहर हो जाएंगे. अब इन छोटे कारोबारियों को जीएसटी रजिस्ट्रेशन का झंझट नहीं रहेगा.
पीएम मोदी ने भी दिए थे संकेत
इससे पहले बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि उन्होंने जीएसटी काउंसिल से 75 लाख रुपये सालाना तक का कारोबार करने वाले उद्यमों को जीएसटी रजिस्ट्रेशन से छूट देने का आग्रह किया है. इसके अलावा मध्यम वर्ग के लिए बनने वाले घरों को जीएसटी के 5 प्रतिशत के दायरे में लाने का आग्रह किया गया है. प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बारे में फैसला करने का अधिकार उनके हाथ में नहीं है बल्कि जीएसटी काउंसिल के हाथ में है. सभी राज्य सरकारें इस परिषद की सदस्य है. उन सबको मिलकर इस बारे में निर्णय करना है. बता दें कि जीएसटी काउंसिल की पिछली बैठक 22 दिसंबर को हुई थी. इस बैठक में 26 वस्तुओं व सेवाओं पर टैक्स की दर कम कर दी गई थी. उन्होंने उम्मीद जतायी कि आने वाले दिनों में जीएसटी काउंसिल जनता के पक्ष में इस बात का ध्यान रखेगी.
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